उत्तराखण्ड की जलवायु
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- उष्णकटिबन्धीय मॉनसूनी विशेषताओं वाले उत्तराखण्ड की जलवायु शीतोष्ण है। इसकी विशेषता मौसम के अनुसार तापमान परिवर्तन है।
- जनवरी सबसे ठण्डा महीना होता है, जब तापमान उत्तर में शून्य से नीचे की ओर दक्षिण-पूर्व में लगभग 5° से. हो जाता है।
- मई सबसे गर्म महीना होता है; फिर भी भारतीय उपमहाद्वीप के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिहाज़ से कम ही गर्म साबित होता है।
- जुलाई दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून का महीना है। उत्तराखण्ड में होने वाली कुल वर्षा का दो-तिहाई भाग दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून[1] से आता है।
- हालांकि अन्य महीनों में भी कुछ वर्षा हो जाती है। यह थोड़ी बहुत पश्चिमी विक्षोभ, संवहनीय वर्षा या पर्वतीय अनुकूलन, जो पहाड़ी क्षेत्रों की विशेषता है, के द्वारा होती है।
- किसी भी मौसम की वर्षा की स्थानीय प्रवृत्ति को ठीक-ठीक नहीं समझा जा सका है। फिर भी पहाड़ी ढलानों के सन्दर्भ में ऐसा हवाओं के कारण वर्षा की दिशा बदलने से होता है।
- पूर्व और दक्षिण-पश्चिम[2] की तुलना में उत्तरी क्षेत्र के मध्य भाग में ज़्यादा[3] वर्षा होती है।
- जून से सितम्बर माह में अधिकांश वर्षा होती है, जिसके कारण घाटी की तलहटी में आने वाली बाढ़ और बार-बार होने वाले भूस्खलन यहाँ की आम समस्याएँ हैं।
- राज्य के उत्तरी भाग में अमूमन दिसम्बर और मार्च माह में हिमपात होता है और इसका वार्षिक औसत 3 से 5 मीटर रहता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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