भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान
भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान (अंग्रेज़ी: Film and Television Institute of India) भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वशासी संस्था हैं। सन 1960 में पुणे के प्रभात स्टूडियो परिसर में इस संस्थान को स्थापित किया गया। विगत वर्षो में भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान के छात्रों ने भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा एवं टेलिविज़न के छेत्र में काफी नाम कमाया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करता है और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के अध्यक्ष के द्वारा चलायी जाती है जो फिल्म, टेलीविजन, कला और अन्य शैक्षिक क्षेत्रों की सुप्रसिद्ध हस्ति होती है। सोसायटी के सदस्यों में से चुनाव द्वारा शासी परिषद का गठन होता है। शासी परिषद एक सर्वोच्च निकाय है, जो भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान की नीतियों के विषय में प्रमुख निर्णय लेने हेतु तथा संस्थान के उद्देश्य और लक्ष्यों के परिप्रेक्ष्य में दिशा निर्देशों के लिए उत्तरदायी है। शैक्षिक तथा वित्तीय विषयों संबंधी मामलों पर शासी परिषद को सलाह देने के लिए शासी परिषद, शैक्षिक परिषद और स्थायी वित्तीय समिति की नियुक्ति करती है। सोसायटी के अध्यक्ष शासी परिषद, शैक्षिक परिषद और स्थायी वित्त समिति के अध्यक्ष के रूप में काम करते हैं।
अध्यक्ष
गत काल में जिन सुप्रसिद्ध हस्तियों ने शासी परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है उनमें श्याम बेनेगल, मृणाल सेन, अदूर गोपाल कृष्णन, महेश भट्ट, गिरीश कर्नाड, विनोद खन्ना, प्रो. यू. आर. अनंतमूर्ति तथा गजेंद्र चौहान उल्लेखनीय है। अनुपम खेर, इसके वर्तमान अध्यक्ष है। संस्थान के निदेशक कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं और उस की नीतियों एवं कार्यक्रमों को कार्यान्वित करते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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