नदीत्रिरात्र व्रत
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- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- जब आषाढ़ में नदी बाढ़ पर होती है, उसके जल को किसी काले घड़े में रखकर लाना चाहिए, दूसरे दिन प्रातः नदी में स्नान करके घड़े की पूजा करनी चाहिए।
- तीन दिनों तक या एक दिन तक उपवास करना चाहिए या एकभक्त होना चाहिए (अर्थात् एक बार ही खाना चाहिए)।
- अखण्ड दीप जलाना चाहिए।
- नदी एवं वरुण का नाम लेना चाहिए।
- अर्ध्य, फल, नैवेद्य आदि देना चाहिए, गोविन्द की प्रार्थना करनी चाहिए।
- यह व्रत तीन वर्षों तक चलेगा।
- अन्त में गौ दान करना चाहिए।
- इससे सन्तान एवं सौभाग्य मिलता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पद्म पुराण (6|71)।
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