अंकमुख - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्कमुख)[1]
नाटक का आरंभिक अंश, जिसके द्वारा सभी अंक तथा बीज रूप में कथानक सूचित किया जाता है, जैसे- भवभूति के 'मालतीमाधव' नाटक का प्रथम अंक[2]।