दिनक्षय

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • जब एक ही बार में दो तिथियाँ पड़ जाती हैं तो दिनक्षय होता है।[1]
  • माधव के कालनिर्णय[2] के अनुसार जब एक ही दिन में तीन तिथियों का स्पर्श हो जाता है तो दिनक्षय होता है, उस दिन उपवास वर्जित होता है, किन्तु दानों से सहस्र गुना पुण्य मिलता है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (काल, 676, पद्म पुराण से उद्धरण)
  2. कालनिर्णय 260, वसिष्ठ से उद्धरण

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