कहावत लोकोक्ति मुहावरे-ए

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:56, 8 जुलाई 2011 का अवतरण (Text replace - "जोर" to "ज़ोर")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र
  • एक पंथ दो काज
  • एक करेला/गिलोय, दूसरे नीम चढ़ा।
  • एक अंडा वह भी गंदा।
  • एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे।
  • एक अनार सौ बीमार।
  • एक आवे (आवाँ) के बर्तन।
  • एक और एक ग्यारह होते हैं।
  • एक के दूने से सौ के सवाये भले।
  • एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है।
  • एक टकसाल के ढले।
  • एक तवे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी।
  • एक तो चोरी दूसरे सीना-ज़ोरी।
  • एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना।
  • एक मुँह दो बातें।
  • एक म्यान में दो तलवारें नहीं समा सकती।
  • एक हाथ से ताली नहीं बजती।
  • एक ही लकड़ी से सबको हाँकना।
  • एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
  • एक आँख से देखना।
  • एक-एक नस पहचानना।
  • एक घाट का पानी पीना।
  • एक लकड़ी से सबको हाँकना।
  • एडि़याँ रगड़ना।
  • एड़ी-चोटी का पसीना एक करना।