प्रयोग:Asha
त्रिपुरा प्रदेश के ज़िले |
उत्तर त्रिपुरा ज़िला . दक्षिण त्रिपुरा ज़िला . धलाई ज़िला . पश्चिम त्रिपुरा ज़िला |
---|
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ | |||
---|---|---|---|---|
1- नौ नगद ना तेरह उधार। |
अर्थ - किसी का भी कर्जदार ना होना। | |||
2- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली। |
अर्थ - सौ अपराध करके ईश्वर का ध्यान आता है। । | |||
3- नंगा बड़ा परमेश्वर से। |
अर्थ - निर्लज्ज से सभी डरते हैं। | |||
4- नंगा क्या नहाएगा क्या निचोड़ेगा। |
अर्थ - निर्धन के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं होता। | |||
5- न अंधे को न्योता देते न दो जने आते। |
अर्थ - गलत आदमी को बुलावा देना, एक के बदले दो का आना। | |||
6- न इधर के रहे, न उधर के रहे। |
अर्थ - दुविधा में हमेशा हानि हो जाती है। | |||
7- नकटा बूचा सबसे ऊँचा। |
अर्थ - निर्लज्ज आदमी सब से बड़ा है (व्यंग)। | |||
8- नक्कारखाने में तूती की आवाज़ कौन सुने। |
अर्थ - बड़ों के रहते छोटों की बात नहीं मानी जाती। | |||
9- नटनी जब बाँस पर चढ़ी तो घूँघट क्या। |
अर्थ - नीच कर्म करने वाले को शर्म नहीं होती। | |||
10- नदी किनारे रूखड़ा जब–तब होय विनाश। |
अर्थ - बूढ़ा आदमी बहुत दिन नहीं जियेगा। | |||
11- नदी नाव संयोग। |
अर्थ - संयोग से मिलाप हो जाना। | |||
12- नदी में रहकर, मगर से बैर। |
अर्थ - जहाँ रहना हो वहाँ के मुखिया से बैर ठीक नहीं होता। | |||
13- ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी |
अर्थ - न पूरी होने वाली शर्त। | |||
14- नमाज़ छुड़ाने गए थे, रोज़े गले पड़े। |
अर्थ - एक मुसीबत से छुटकारा पाना चाहा था, दूसरी भारी मुसीबत आ पड़ी। | |||
15- नया नौ दिन पुराना सौ दिन। |
अर्थ - पुरानी चीज़ें ज्यादा दिन चलती हैं। | |||
16- न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। |
अर्थ - मूल कारण को मिटा दें तो झगड़ा –फसाद ही न हो। | |||
17- ना साँप मरे ना लाठी टूटे। |
अर्थ - बिना किसी को हानि पहुँचाये काम पूरा हो जाए। | |||
18- नाई की बरात में सब ही ठाकुर। |
अर्थ - सभी बड़े बन बैठें तो काम कैसे हो, एक ही नायक होना चाहिए। | |||
19- नाई नाई, बाल कितने ? जजमान, अभी सामने आ जाएँगे। |
अर्थ - प्रश्न का उत्तर अपने –आप मिल जाएगा। | |||
20- नाक कटी पर घी तो चाटा। |
अर्थ - निर्लज्ज होकर कुछ पाना। | |||
21- नाक दबाने से मुँह खुलता है। |
अर्थ - कठोरता से कार्य सिद्ध होता है। | |||
22- नाच न जाने आँगन टेढ़ा। |
अर्थ - अपना दोष बहाना करके टालना। | |||
23- नानी के आगे ननिहाल की बातें। |
अर्थ - जिसको सब कुछ मालूम हो, उसको जानकारी देना। | |||
24- नानी के टुकड़े खावे, दादी का पोता कहावे। |
अर्थ - खाना किसी का, एहसान किसी का। | |||
25- नानी क्वाँरी मर गई , नाती के नौ-नौ ब्याह। |
अर्थ - झूठी बड़ाई। | |||
26- नाम बड़े दर्शन छोटे। |
अर्थ - बहुत प्रसिद्ध होना पर वास्तव में गुणों का न होना। | |||
27- नाम बढ़ावे दाम। |
अर्थ - किसी चीज़ का नाम हो जाने से उसकी कीमत बढ़ जाती है। | |||
28- नामी चोर मारा जाए, नामी शाह कमा खाए। |
अर्थ - बदनामी से बुरा, नेकनामी से भला होता है। | |||
29- नारियल में पानी,क्या पता खट्टा कि मीठा। |
अर्थ - इस बात में संशय है। | |||
30- नीचे की साँस नीचे, ऊपर की साँस ऊपर। |
अर्थ - डर या दु:ख से घबरा जाना। | |||
31- नीचे से जड़ काटना, ऊपर से पानी देना। |
अर्थ - ऊपर से मित्र, भीतर से शत्रु, दिखावा करना। | |||
32- नीम हकीम खतरा-ए-जान। |
अर्थ - अनुभवहीन व्याक्ति के हाथों काम बिगड़ जाता है। | |||
33- नेकी और पूछ-पूछ। |
अर्थ - भलाई का काम करके फल की उम्मीद मत करो। | |||
34- नौ दिन चले अढ़ाई कोस। |
अर्थ - बहुत ही मंद गति से काम होना। | |||
35- नौ नकद , न तेरह उधार। |
अर्थ - नकद का काम उधार के काम से अच्छा होता है। | |||
36- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली। |
अर्थ - जीवन भर कुकर्म करते रहे अन्त में भले बन बैठे। | |||
37- नाचने निकली तो घूँघट क्या। |
अर्थ - कोई काम करना शुरु करने पर शर्म नहीं आनी चाहिए। | |||
38- नकेल हाथ में होना। |
अर्थ - वश में होना। | |||
39- नब्ज़ पहचानना। |
अर्थ - स्वभाव जानना, कमज़ोरी जानना। | |||
40- नमक मिर्च लगाना। |
अर्थ - बढ़ा-चढ़ाकर कहना। | |||
41- नस-नस फड़क उठना। |
अर्थ - बहुत उत्साहित होना। | |||
42- नस पहचानना। |
अर्थ - अच्छी तरह जानना। | |||
43- नहले पर दहला मारना। |
अर्थ - करारा जवाब देना। | |||
44- नाक कटना। |
अर्थ - बदनामी होना। | |||
45- नाक का बाल होना। |
अर्थ - बहुत प्यारा होना। | |||
46- नाक चोटी काटकर हाथ में देना। |
अर्थ - दुर्दशा करना। | |||
47- नाक भौं चढ़ाना। |
अर्थ - घृणा, असंतोष प्रकट करना। | |||
48- नाक में नकेल डालना। |
अर्थ - वश में करना। | |||
49- नाक रगड़ना। |
अर्थ - गिड़गिड़ाना। | |||
50- नाकों चने चबवाना। |
अर्थ - बहुत तंग करना। | |||
51- नाच नचाना। |
अर्थ - मनचाही करवाना। | |||
52- नानी मर जाना। |
अर्थ - होश न रहना। | |||
53- नाव में धूल उड़ाना। |
अर्थ - व्यर्थ में बदनाम करना। | |||
54- निन्यानवे के फेर में पड़ना। |
अर्थ - पैसा जोड़ने के चक्कर में पड़ना। | |||
55- नीचा दिखाना। |
अर्थ - हराना, बेइज़्ज़्ती करना। | |||
56- नीला-पीला होना। |
अर्थ - गुस्सा होना। | |||
57- नौ दो ग्यारह होना। |
अर्थ - भाग जाना। | |||
58- दूध का दूध और पानी का पानी। |
अर्थ - सही निर्णय करना। | |||
59- दूध के दाँत न टूटना। |
अर्थ - ज्ञान और अनुभव न होना। | |||
60- दूर की कौड़ी लाना। |
अर्थ - दूर तक का सोच लेना। | |||
61- देवता कूच कर जाना। |
अर्थ - घबरा जाना। | |||
62- दो टूक बात कहना। |
अर्थ - साफ-साफ कहना। | |||
63- दो दिन का मेहमान। |
अर्थ - जल्दी मरने वाला। | |||
64- दो नावों पर पैर रखना। |
अर्थ - दोनों तरफ रहना। | |||
65- जो सुख चौबारे, न बखल न बुखारे। |
अर्थ - अपना घर दूर से सूझता है। | |||
66- जंगल में मंगल होना। |
अर्थ - उजाड़ में चहल-पहल होना। | |||
67- जड़ों में मट्ठा ड़ालना / तेल देना / जड़ खोदना / जड़ काटना। |
अर्थ - समूल नष्ट करना। | |||
68- ज़बान काट कर देना। |
अर्थ - वादा करना। | |||
69- ज़बान पर चढ़ना। |
अर्थ - याद आना। | |||
70- ज़बान पर लगाम न होना। |
अर्थ - बेमतलब बोलते जाना। |
_ | 71- ज़मीन आसमान एक करना। |
अर्थ - सब उपाय कर डालना। |
72- ज़मीन आसमान का फर्क। |
अर्थ - बहुत भारी अंतर होना। | |||
73- ज़मीन पर पैर न रखना। |
अर्थ - अकड़कर चलना, इतराना। | |||
74- ज़मीन में गड़ना। |
अर्थ - लज्जा से सिर नीचा होना। | |||
75- जलती आग में घी डालना। |
अर्थ - और भड़काना। | |||
76- जली-कटी सुनाना। |
अर्थ - बुरा-भला कहना। | |||
77- ज़हर उगलना। |
अर्थ - कड़वी बातें कहना। | |||
78- ज़हर की पुडि़या। |
अर्थ - झगड़ालू औरत। | |||
79- ज़हाज का पंछी। |
अर्थ - जिसका कोई ठिकाना नहीं हो। | |||
80- जान के लाले पड़ना। |
अर्थ - संकट में पड़ना। | |||
81- जान पर खेलना। |
अर्थ - जान की बाजी लगाना। | |||
82- जान में जान आना। |
अर्थ - चैन, सकून मिलना। | |||
83- जान से हाथ धोना बैठना। |
अर्थ - मारा जाना। | |||
84- जान हथेली पर रखना। |
अर्थ - जान की परवाह न करना। | |||
85- जामे से बाहर होना। |
अर्थ - अत्यधिक क्रुद्ध होना। | |||
86- जी का जंजाल। |
अर्थ - व्यर्थ का झंझट। | |||
87- जी खट्टा होना। |
अर्थ - विरक्ति होना। | |||
88- जी चुराना। |
अर्थ - काम करने से कतराना। | |||
89- जीते जी मक्खी निगलना। |
अर्थ - जी पर बन आना। | |||
90- जी भर आना। |
अर्थ - दु:खी होना। | |||
91- जूतियों में दाल बाँटना। |
अर्थ - लड़ाई- झगड़ा होना। | |||
92- जूते चाटना। |
अर्थ - चापलूसी करना। | |||
93- जोड़-तोड़ करना। |
अर्थ - उपाय करना। |
|94- कान गरम करना। | अर्थ - पिटाई करना। |- |95- कान देना। | अर्थ - ध्यान से सुनना। |- |96- कान पकड़ना। | अर्थ - गलती मान लेना। |- |97- कान पर जूँ तक न रेंगना। | अर्थ - कुछ भी परवाह न करना। |- |98- कान भरना। | अर्थ - चुगली करना। |- |99- कान में बात डाल देना। | अर्थ - सुना देना, कह देना। |- |100- कान में तेल डालकर बैठना। | अर्थ - सुनकर भी सुनी हुई बात पर ध्यान न देना। |- |101- कान में फूँकना। | अर्थ - चुपचाप से कह देना। |- |102- कान लगाना। | अर्थ - ध्यान देकर सुनना। |- |103- काफूर होना। | अर्थ - गायब हो जाना। |- |104- काम आना। | अर्थ - शत्रु के हाथों मारा जाना। |- |105- काम तमाम करना। | अर्थ - मार डालना। |- |106- काया पलट जाना। | अर्थ - बदल कर दूसरा ही रूप हो जाना। |- |107- काल कवलित होना। | अर्थ - मर जाना। |- |108- काल के गाल में जाना। | अर्थ - मर जाना। |- |109- काला नाग। | अर्थ - खोटा या घातक व्यक्ति । |- |110- काला मुँह करना। | अर्थ - बदनामी करना, नाम खराब करना। |- |111- काले कोसों। | अर्थ - बहुत दूर। |- |112- क़िताबी कीड़ा होना। | अर्थ - केवल पढ़ने में ही लगे रहना। |- |113- किरकिरी हो जाना। | अर्थ - विघ्न पड़ना। |- |114- किस दर्द या मर्ज़ की दवा। | अर्थ - किसी भी काम का न होना। |- |115- किस्मत फूटना। | अर्थ - बुरे दिन आना। |- |116- कीचड़ उछालना। | अर्थ - निंदा करना। |- |117- कुआँ खोदना। | अर्थ - किसी को हानि पहुँचाने की कोशिश करना। |- |118- कुएँ में गिरना। | अर्थ - विपत्ति में पड़ जाना। |- |119- कुएँ में भाँग पड़ना। | अर्थ - सबकी बुद्धि मारी जाना। |- |120- कुछ उठा न रखना। | अर्थ - कोई कसर या कमी न छोड़ना। |- |121- कुत्ते की दुम। | अर्थ - जैसा है वैसा ही रहना, बदलाव ना आना। |- |122- कुत्ते की मौत मरना। | अर्थ - बुरी तरह मरना। |- |123- कूच कर जाना। | अर्थ - चले जाना। |- |124- कूप मंडूक होना। | अर्थ - सीमित ज्ञान या अनुभव वाला होना। |- |125- कोई दम भर का मेहमान होना। | अर्थ - मरने के क़रीब होना। |- |126- कोढ़ में खाज होना। | अर्थ - दु:ख में और दु:ख होना। |- |127- कोर दबना। | अर्थ - दबाव में होना। |- |128- कोल्हू का बैल। | अर्थ - दिन रात काम में लगे रहने वाला। |- |129- कौए उड़ाना। | अर्थ - घटिया या छोटे काम करना। |- |130- कौड़ी-कौड़ी पर जान देना। | अर्थ - कंजूस होना। |- |131- कंधे से कंधा छिलना। | अर्थ - भारी भीड़ का होना, मेलों में यात्रियों का कंधे से कंधे छिलता है। |- |132- ककड़ी-खीरा समझना। | अर्थ - किसी व्यक्ति को नगण्य या तुच्छ समझना। |- |133- कच्चा चिट्ठा खोलना। | अर्थ - सबके सामने सब भेद खोल देना। |- |} 228 - देखकर मक्खी नहीं निगली जाती, `अर्थ - कहावत - अहित सामने देखकर चुप नहीं रहा जाता। |}