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ज्ञान का हिन्दी-महासागर

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आज का दिन - 4 नवम्बर 2024 (भारतीय समयानुसार)


भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी

कौऔं का वायरस

         यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र शर्मदार की मौत


भारतकोश हलचल

अक्षय नवमी (10 नवम्बर) जुगल जोड़ी परिक्रमा, मथुरा (10 नवम्बर) गोपाष्टमी (09 नवम्बर) राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा दिवस (09 नवम्बर) उत्तराखण्ड राज्य गठन दिवस (09 नवम्बर) कार्तिक छठ (07 नवम्बर) छठपूजा (07 नवम्बर) शिशु सुरक्षा दिवस (07 नवम्बर) सौभाग्य पंचमी (06 नवम्बर) विनायक चतुर्थी (05 नवम्बर) मेला बटेश्वर प्रारम्भ (03 नवम्बर) विश्वकर्मा पूजन (03 नवम्बर) भैया दूज (03 नवम्बर) यम द्वितीया (03 नवम्बर) गोवर्धन पूजा (अन्नकूटोत्सव) (02 नवम्बर) लक्ष्मी पूजन (01 नवम्बर) दीपावली (01 नवम्बर) पुदुचेरी विलय दिवस (01 नवम्बर) आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस (01 नवम्बर) कर्नाटक स्थापना दिवस (01 नवम्बर) केरल स्थापना दिवस (01 नवम्बर) मध्य प्रदेश दिवस (01 नवम्बर) पंजाब स्थापना दिवस (01 नवम्बर) हरियाणा स्थापना दिवस (01 नवम्बर) राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर) शरद पूर्णिमा (28 अक्टूबर) पौर्णमासी व्रत (28 अक्टूबर) कार्तिक स्नान प्रारम्भ (28 अक्टूबर) वाल्मीकि जयंती (28 अक्टूबर) मीराबाई जयंती (28 अक्टूबर) प्रदोष व्रत (26 अक्टूबर) पद्मनाभ द्वादशी (26 अक्टूबर) पापांकुशा एकादशी (25 अक्टूबर) भरत मिलाप (25 अक्टूबर) विजयादशमी (24 अक्टूबर) शमी पूजा (24 अक्टूबर)


जन्म
चित्तरंजन दास (05 नवम्बर) बनारसी दास गुप्ता (05 नवम्बर) अर्जुन सिंह (05 नवम्बर) उदयराज सिंह (05 नवम्बर) सुहास पांडुरंग सुखात्मे (05 नवम्बर) विजया मेहता (04 नवम्बर) वासुदेव बलवन्त फड़के (04 नवम्बर) भाई परमानन्द (04 नवम्बर) ऋत्विक घटक (04 नवम्बर) जयकिशन (04 नवम्बर) शकुन्तला देवी (04 नवम्बर) सुदर्शन सिंह चक्र (04 नवम्बर) छबीलदास मेहता (04 नवम्बर) जमनालाल बजाज (04 नवम्बर) पद्मावती बंदोपाध्याय (04 नवम्बर)
मृत्यु
फिरोज़शाह मेहता (05 नवम्बर) फ़ैयाज़ ख़ाँ (05 नवम्बर) नागार्जुन (05 नवम्बर) बी. आर. चोपड़ा (05 नवम्बर) भूपेन हज़ारिका (05 नवम्बर) परमानन्द श्रीवास्तव (05 नवम्बर) श्याम सरन नेगी (05 नवम्बर) विजयदेव नारायण साही (05 नवम्बर) शंभू महाराज (04 नवम्बर)


एक आलेख

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल


एक पर्यटन स्थल

डल झील
डल झील

        डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें

पिछले पर्यटन स्थल लक्षद्वीप चंडीगढ़ लाल क़िला


सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

महत्त्वपूर्ण आकर्षण


समाचार

एक व्यक्तित्व

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण


चयनित चित्र

वाराणसी के एक घाट का संध्याकालीन दृश्य
वाराणसी के एक घाट का संध्याकालीन दृश्य

वाराणसी, उत्तर प्रदेश