सार्वलौकिक नीति तथा सदाचार -स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द कृत ‘सार्वलौकिक नीति तथा सदाचार’ का संस्करण प्रकाशित करते हमें हर्ष हो रहा है। वस्तुत: यह ग्रन्थ स्वामी जी के अनेक ग्रन्थों में से संकलन है। यह बात सर्वमान्य है कि विद्यालयों तथा महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के जीवन-गठन तथा चरित्र-निर्माण के लिए उन्हें नैतिक एवं अध्यात्मिक तत्त्वों की शिक्षा देना परमावश्यक है। इसी उद्देश्य से प्रेरित होकर भारत सरकार ने श्रीप्रकाश की अध्यक्षता में एक समिति का निर्माण किया जिसने इस बात की जाँच की कि शिक्षासंस्थाओं में सदाचार तथा अध्यात्म संबंधी विषय के अध्ययन का समावेश कितना अधिक वांछित है। फलत: इस समिति ने यह सिफारिश की कि भारत सरकार इस संबंध में ऐसी उपयुक्त पाठ्यसामग्री एकत्रित कराये, जो विद्यालय-महाविद्यालय में पढ़ायी जाय, तथा उसके प्रकाशन की व्यवस्था करे। तदनुसार भारत शासन ने रामकृष्ण मिशन के स्वामी रंगानाथानन्दजी से एक ऐसी पुस्तक तैयार कर देने के लिए प्रार्थना की श्री स्वामी विवेकानन्द के ग्रन्थों में से सार्वलौकिक नीति तथा सदाचार संबंधी सामग्री संकलित हो। स्वामी रंगानाथनजी ने मूल अग्रेज़ी से संकलन करके ऐसी पुस्तक तैयार कर दी और प्रस्तुत ग्रन्थ उसी का हिन्दी अनुवाद है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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