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नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को समाचार कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। इन्हें भी देखें: समाचार 2010, समाचार 2011 एवं समाचार 2012

हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-


तेलुगू निर्माता-अभिनेता ए. नागेश्वर राव का निधन

ए. नागेश्वर राव
22 जनवरी, 2014

भारतीय फ़िल्मोद्योग के सबसे बड़े दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित दिग्गज तेलुगू निर्माता-अभिनेता अक्कीनेनी नागेश्वर राव का बुधवार तड़के 22 जनवरी, 2014 को हैदराबाद में निधन हो गया। 91 वर्षीय नागेश्वर राव पिछले कई सालों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। प्यार से 'एएनआर' कहकर पुकारे जाने वाले नागेश्वर राव के बेटे और अभिनेता नागार्जुन ने कहा कि श्री राव का निधन नींद में ही हो गया। नागेश्वर राव को 'तेनालीराम कृष्णा', 'देवदास', 'माया बाजार' और 'मिस्साम्मा' जैसी हिट फ़िल्मों में अभिनय के लिए याद किया जाता है। नागेश्वर राव के परिवार में तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनके पुत्र नागार्जुन को हिन्दी फ़िल्मों के दर्शक भी अच्छी तरह जानते हैं, और नागार्जुन की पत्नी अमला भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। नागेश्वर राव के कई पौत्र भी अभिनेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। सात दशक से भी अधिक समय तक चले अपने लंबे करियर में नागेश्वर राव ने लगभग 250 तेलुगू और कई तमिल फ़िल्मों में काम किया, और फिलहाल वह 'मनम' शीर्षक से बनाई जा रही फ़िल्म में अभिनय कर रहे थे, जिसमें उनके परिवार की तीनों पीढ़ियों के अभिनेता काम कर रहे थे।

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राजस्थानी साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का निधन

अन्नाराम सुदामा
2 जनवरी, 2014, गुरुवार

राजस्थानी साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का गुरुवार 2 जनवरी, 2014 को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। सुदामा का जन्म 23 मई, 1923 को हुआ था। उन्होंने कई उपन्यास, कहानियां, नाटक, निबंध आदि की पुस्तकें लिखी थी। सुदामा का राजस्थानी उपन्यास जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय अजमेर में एम.ए. और बी.ए. के पाठ्यक्रम में शामिल रहा। केन्द्रीय साहित्य अकादमी से 'मेवै रां रूंख' उपन्यास अंग्रेज़ी एवं हिन्दी अनुवाद प्रकाशित हुआ। सुदामा के निधन पर ज़िला कलेक्टर आरती डोगरा ने शोक जताया है। कलेक्टर की ओर से सुदामा के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की।[1]

प्रसिद्ध अभिनेता फ़ारुख़ शेख़ का निधन

फ़ारुख़ शेख़
27 दिसम्बर, 2013 शुक्रवार

बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता फ़ारुख़ शेख़ का शुक्रवार 27 दिसम्बर, 2013 की रात दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मीडिया को यह जानकारी उनकी मित्र एवं अभिनेत्री दीप्ति नवल ने दी। दुबई में जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बाद उनका शव अंतिम संस्कार के लिए मुंबई लाया गया। मुंबई में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। फ़ारुख़ शेख़ 65 वर्ष के थे और उनकी तबीयत इससे पहले अच्छी थी और उन्होंने दो महीने पहले शारजाह पुस्तक मेले में शिरकत की थी। फ़िल्म 'गरम हवा' से कॅरियर की शुरुआत की थी और उसके बाद कला और मुख्यधारा की फ़िल्म में अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने चश्मेबद्दूर, उमराव जान, नूरी, किसी ने कहा, साथ-साथ, ये जवानी है दीवानी आदि समेत तमाम फ़िल्में कीं। फ़ारुख़ शेख़ ने सत्यजीत रे के साथ भी लंबे समय तक काम किया। उनकी आख़िरी फ़िल्म 'क्लब 60' थी। फ़ारुख़ शेख़ को कला फ़िल्मों, रंगमंच और टेलीविजन में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने टेलीविजन पर प्रसिद्ध शो 'जीना इसी का नाम है' की मेजबानी भी की थी।

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सचिन तेंदुलकर और प्रो. सीएनआर राव को भारत रत्न देने की घोषणा

16 नवंबर, 2013 शनिवार
प्रो. सीएनआर राव और सचिन तेंदुलकर

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और वैज्ञानिक प्रो. सीएनआर राव को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने की घोषणा की गई है। भारत सरकार ने कई वर्षों बाद भारत रत्न पुरस्कार दिए हैं। पिछली बार यह पुरस्कार पंडित भीमसेन जोशी को सन् 2008 में दिया गया था।

प्रो. सीएनआर राव

भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले देश के प्रमुख रसायन वैज्ञानिक डॉ. सीएनआर राव की ठोस अवस्था सॉलिड स्टेट एवं और स्ट्रक्चरल रसायन विज्ञान में भारत ही नहीं दुनिया भर में कोई सानी नहीं है। डॉ. राव न केवल उत्कृष्ट रसायनशास्त्री है बल्कि उन्होंने देश की वैज्ञानिक नीतियों को बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। इस समय डॉ. राव प्रधनमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष हैं। वह सन 1985 में प्रथम बार और सन 2005 में दूसरी बार इस समिति के अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं।

सचिन तेंदुलकर

अपने 24 साल के गौरवपूर्ण अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत करने वाले सचिन तेंदुलकर को वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ मुंबई में उनके विदाई टेस्ट के समाप्त होते ही इस शीर्ष पुरस्कार के लिए चुन लिया गया। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता वेणु राजामोनी की एक संक्षिप्त बयान जारी करके कहा कि राष्ट्रपति ने तेंदुलकर को भारत रत्न देने का फैसला किया है, जिन्होंने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा।

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भारत का मंगलयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा

मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर)
5 नवम्बर, 2013, मंगलवार

भारत ने अपने पहले मंगल ग्रह परिक्रमा अभियान (एमओएम) के लिए ध्रुवीय रॉकेट को 5 नवम्बर, 2013 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके इतिहास रच दिया। चंद्रमा पर भेजे यान के बाद यह भारत का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है। पूर्वी तट के करीब श्रीहरिकोटा द्वीप से रॉकेट ने सीधे आकाश की ओर उड़ान भरी और 44 मिनट बाद रॉकेट से अलग हो कर उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में आ गया। यात्रा का पहला चरण सफल रहा। 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) ने इस कार्यक्रम के सीधे प्रसारण का भी इंतजाम किया था जिसके जरिए भारत के इस ऐतिहासिक पल को लाखों लोगों ने टीवी पर देखा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी25 का यह ऐतिहासिक प्रक्षेपण अपराह्न दो बजकर 38 मिनट पर चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर यहां स्पेसपोर्ट से किया गया। इसरो के निदेशक डॉ. राधाकृष्‍णन ने कहा, "मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि यह पीएसएलवी की 25वीं उड़ान है। मैं समस्त इसरो परिवार को बधाई देता हूँ, जिन्होंने बेहद कम वक़्त में यह मुमकिन कर दिखाया।" लगभग 450 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के तहत भारत ने मंगल ग्रह के लिए अपना पहला यान श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया। मंगलवार को इसे छोड़े जाने के बाद से इसका नियंत्रण बैंगलोर में इसरो के वैज्ञानिकों ने अपने हाथों में ले लिया है। इस मंगलयान को पृथ्वी की कक्षा छोड़ने से पहले पांच चक्कर लगाने हैं, जिसके बाद यह 1 दिसंबर को सूर्य की परिधि में प्रवेश कर जाएगा। वहां से लगभग नौ महीने बाद यह यान मंगल ग्रह तक की अपनी यात्रा पूरी कर पाएगा। श्रीहरिकोटा से मंगल मिशन की तस्वीरें देश के अंतरिक्ष अभियान के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां कर रही हैं। PSLV C-25 मार्स ऑर्बिटर नाम के उपग्रह को लेकर अंतरिक्ष के लिए रवाना हो गया है। इस कामयाबी के साथ ही भारत अंतरिक्ष में नई इबारत लिखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

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मशहूर गायिका रेशमा का निधन

रेशमा
3 नवम्बर, 2013, रविवार

मशहूर गायिका रेशमा का 3 नवम्बर 2013 को लाहौर, पाकिस्तान में निधन हो गया। रेशमा को गले का कैंसर था और वह लंबे समय से लाहौर के एक अस्‍पताल में भर्ती रहीं। रेशमा ने बाद में इसी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। अस्‍पताल सूत्रों के मुताबिक रेशमा करीब एक महीने से कोमा में थीं। बॉलीवुड की फ़िल्म 'हीरो' में उनका गाना 'लंबी जुदाई...' काफी मशहूर हुआ था। 'हीरो' फ़िल्म के निर्देशक सुभाष घई सहित तमाम हस्तियों ने रेशमा के निधन पर शोक जताया। सुभाष घई ने कहा, 'रेशमा जी आज भी हमारे दिल में हैं। मैं जब भी सूफी गानों के बारे में सोचता हूं तो रेशमा जी याद आ आती है।'

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प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव का निधन

राजेन्द्र यादव
28 अक्टूबर, 2013, सोमवार

राजेन्द्र यादव का नई दिल्ली में 28 अक्टूबर 2013 (मध्य रात्रि सोमवार) को निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। राजेन्द्र यादव की अचानक तबियत खराब हो गई और उन्हें सांस लेने की तकलीफ होने लगी। उन्हें 11 बजे के बाद फौरन एक निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। राजेंद्र यादव हिन्दी साहित्य का एक मजबूत स्तंभ थे। राजेन्द्र यादव को हिन्दी साहित्य में ‘नई कहानी’ के दौर को गढ़ने वालों में से एक माना जाता है। उन्होंने कमलेश्वर और मोहन राकेश के साथ नई कहानी आंदोलन की शुरुआत की।

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मशहूर गायक मन्ना डे का निधन

मन्ना डे
24 अक्टूबर, 2013, गुरुवार

मशहूर शास्त्रीय गायक मन्ना डे का लंबी बीमारी के बाद बंगलोर शहर के एक अस्पताल में 24 अक्टूबर 2013 को सुबह तड़के निधन हो गया। 94 वर्षीय मन्ना डे को पांच माह पहले सांस संबंधी समस्याओं की वजह से नारायण हृदयालय में भर्ती कराया गया था। उन्होंने तड़के 3 : 50 मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि अंतिम समय में मन्ना डे के पास उनकी पुत्री शुमिता देव और उनके दामाद ज्ञानरंजन देव मौजूद थे। मन्ना डे की दो बेटियां हैं। एक बेटी अमेरिका में रहती है।

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भारतकोश का डोमेन अब हिंदी में भी

14 सितम्बर, 2013

बधाई! 14 सितम्बर हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर आपके भारतकोश का प्रक्षेत्र नाम (डोमेन नेम) और यू.आर.एल अंग्रेज़ी के अतिरिक्त अब हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है। विचरक (ब्राउज़र) की ऐड्रॅस बार में अब आप 'भारतकोश.com' टाइप करके भी भारतकोश का आनंद ले सकते हैं। यह हिंदी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए एक उत्साहवर्धक क़दम है। उपलब्ध हैं:-

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जूनियर महिला हॉकी विश्वकप में कांस्य पदक जीता

जूनियर महिला हॉकी टीम
5 अगस्त, 2013 सोमवार

भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम ने जर्मनी में संपन्न हुए विश्वकप में इंग्लैंड को 3-2 (1-1) से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया। भारतीय लड़कियों ने रविवार (4 अगस्त, 2013) को तीसरे स्थान के लिए खेले गए प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड को पेनाल्टी शूटआउट में हराया। निर्धारित समय तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। इसके बाद मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से करने का फैसला किया गया। निर्धारित समय में भारत के लिए रानी ने 13वें मिनट में फील्ड गोल किया जबकि इंग्लैंड की ओर से एना टोमान ने 55वें मिनट में बराबरी का गोल किया। पेनाल्टी शूटआउट में एना टोमान इंग्लैंड की तरफ से पहला गोल चूक गईं, जबकि रानी ने पेनाल्टी शूटआउट पर पहला गोल दागकर भारत को 1-0 से बढ़त दिला दी। पेनाल्टी शूटआउट के पहले छह शॉट तक भारत ने बढ़त बनाए रखी, क्योंकि भारत की नवनीत कौर, वंदना कटारिया और नवजोत कौर और इंग्लैंड की लूसी हाइम्स, शोना मैक्लिन और जो लीफ ने अपने-अपने शॉट मिस कर दिए। आखिरकार एमिली डीफ्रोंड ने इंग्लैंड के लिए गोल कर स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद पूनम रानी द्वारा गोल मिस किए जाने से भारत सडेन डेथ की स्थिति में पहुंच गया।
रानी ने फिर से इस बार भारत को संकट से उबारा और गोल कर भारत को 2-1 से बढ़त दिला दी। एमिली ने फिर से स्कोर को 2-2 कर दिया। इसके बाद भारत की तरफ से पूनम रानी और इंग्लैंड की तरफ से शोना मैक्लिन अपने-अपने गोल चूक गईं। आखिरकार नवनीत कौर ने भारत को 3-2 से बढ़त दिलाई, जबकि इंग्लैंड की एना गोल करने से चूक गईं। इसी के साथ विश्व चैंपियनशिप में भारतीय महिलाओं ने अपना पहला पदक हासिल किया।

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मशहूर फ़िल्म अदाकार 'प्राण' का निधन

प्राण
12 जुलाई, 2013 शुक्रवार

हिंदी फ़िल्मों के मशहूर विलेन और चरित्र अभिनेता प्राण की शुक्रवार 12 जुलाई, 2013 को देर शाम मुंबई के लीलावती अस्पताल में मौत हो गई। वो 93 साल के थे। उनके बेटे सुनील ने बीबीसी संवाददाता मधू पाल को बताया कि वो लीलावती अस्पताल में भर्ती थे जहां उनकी मौत देर शाम हुई। समाचार एजेंसी पीटीआई ने प्राण की बेटी पिंकी के हवाले से कहा है, "उनकी मौत लंबी बीमारी के बाद हुई।" उन्हें इस साल दादा साहब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया गया था लेकिन वो इस क़दर बीमार थे कि इसे ख़ुद स्वीकार करने दिल्ली नहीं आ पाए थे। बाद में सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उनके घर जाकर उन्हें यह पुरस्कार दिया। उनके निधन पर दुख जताते हुए बॉलीवुड ने उन्हें भारतीय सिनेमा का बड़ा स्तंभ बताया, जिनका कई सितारों का जीवन बनाने में अहम योगदान था। फ़िल्म इंडस्ट्री के पुराने और युवा अभिनेताओं ने प्राण के निधन पर अपनी संवेदना जताई। सुपरस्टार दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड के लीजेंड के साथ जुड़ी अपनी यादें साझा कीं। प्राण के साथ कई फ़िल्मों में काम कर चुके अमिताभ बच्चन ने कहा कि उनके जैसे कद्दावर अभिनेता अब नहीं आते। उन्होंने कहा, 'वह एक बेहतरीन व्यक्ति, प्रशंसनीय सहयोगी, संपूर्ण पेशेवर, निभाये जाने वाले पात्रों को अपने में आत्मसाथ करने वाले, काम के बाद एक दिलचस्प साथी और एक विचारशील मनुष्य थे।' दिलीप साहब ने कहा, 'मैं कभी नहीं भूल सकता कि प्राण कैसे मेरे निकाह में पहुंचे थे। श्रीनगर के खराब मौसम से जूझते हुए, वह वहां शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली की फ्लाइट ली, वहां से फिर शाम में मुंबई पहुंचे, बस मेरे निकाह से ठीक पहले मुझे गले लगाने के लिए।'

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प्रख्यात ध्रुपद गायक उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर का निधन

ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर
8 मई 2013, बुधवार

प्रख्यात ध्रुपद गायक उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर का मुम्बई में 8 मई 2013 को निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार थे। उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर के इंतकाल की खबर से दिल को यकीन दिलाना मुश्किल हुआ कि ध्रुपद की सबसे बुलंद आवाज़ खामोश हो गई। उस्ताद की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने संगीत के दामन में सबसे ज्यादा सितारे जड़े। उनके शागिर्द पं. उमाकांत-रमाकांत गुंदेचा, पं.ऋतिक सान्याल, उदय भवालकर, पुष्पराज कोष्ठी आज ध्रुपद के ऐसे बेनजीर हीरे हैं, जिनकी चमक ने दुनियाभर में ध्रुपद को रोशन किया है। उस्ताद ने स्वयं तो गुणी शिष्य तैयार किए ही साथ ही भोपाल स्थित गुंदेचा बंधुओं के ध्रुपद संस्थान का भूमिपूजन कर उन्होंने नए चिरागों को रोशन करने की ज़मीन में बीज भी डाल दिए। आज ध्रुपद संस्थान में जो देशी-विदेशी शागिर्दों का गुलिस्ता महकने लगा है, उसकी जड़ें उस्ताद ने ही सींची हैं।

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प्रसिद्ध गायिका शमशाद बेगम का निधन

शमशाद बेगम
23 अप्रॅल 2013, मंगलवार

भारतीय सिनेमा में अपनी सुरीली आवाज़ से लोगों का दिल जीत लेने वाली मशहूर पार्श्वगायिका शमशाद बेगम का निधन 23 अप्रैल, 2013 को मुम्बई में हो गया। शमशान बेगम ने हिन्दी फ़िल्म जगत से भले ही कई वर्ष पहले दूरियाँ बना ली थीं, किंतु अपने पूरे कैरियर में बेशुमार और प्रसिद्ध गानों को अपनी आवाज़ दी। उन्होंने न जाने कितने ही अनगिनत गानों को अपनी आवाज़ से सजाकर हमेशा-हमेशा के लिए ज़िंदा कर दिया। उनकी बेटी उषा का कहना था कि- "मेरी माँ हमेशा यही कहती थीं की मेरी मौत के बाद मेरे अंतिम संस्कार के बाद ही किसी को बताना कि मैं अब इस दुनिया से जा चुकी हूँ, और मैं कहीं नहीं जाउँगी जहाँ से आई थी, वहीं वापस जा रही हूँ, मैं सदा सबके साथ हूँ। ये खनकी आवाज़ अब अपनी जुबान से गाये गए गानों से ही सबके दिलों को सुकून देगी।"

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160 साल की हुई भारतीय रेल, गूगल ने बदला अपना लोगो

गूगल लोगो (16 अप्रॅल 2013)
16 अप्रॅल 2013, मंगलवार

गूगल (google) ने 16 अप्रॅल 2013 को अपना डूडल (लोगो) भारत की पहली यात्री रेल को समर्पित किया है। इस लोगो में धुआं उड़ाती रेलगाड़ी खजूर के पेड़ों से घिरे रेलमार्ग पर चलती दिख रही है और इन दोनों का मेल गुंबद और मीनार से बने महल जैसा लग रहा है। नारंगी और पीले रंग से बने गूगल लोगो में भाप के इंजन वाली रेलगाड़ी दिखाई गई है, जिसका इंजन गूगल के एक 'ओ' से बनाया गया है। भारतीय उप महाद्वीप में पहली रेलगाड़ी महाराष्ट्र स्थित मुंबई और ठाणे के बीच 21 मील लंबे रेलमार्ग पर 16 अप्रैल, 1853 को चलाई गई थी। इस रेलगाड़ी ने क़रीब 34 किलोमीटर का फासला तय किया था। वैसे इसके पहले प्रायोगिक तौर पर रुड़की में 22 दिसंबर, 1851 को नहर निर्माण से संबंधित ढुलाई के लिए ट्रेन चलाई जा चुकी थी। यह वही वक्त था जब भारत में ईस्ट इंडियन रेलवे और ग्रेट इंडियन पनिन्सलर रेलवे के नाम से दो रेल कंपनियों का गठन हुआ था। इनमें से एक को कोलकाता में और दूसरे को मुंबई में स्थापित किया गया था। आज भारतीय रेल दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में विकसित हो चुका है। क़रीब 64 हज़ार किमी के इसके नेटवर्क से सात हज़ार से ज़्यादा स्‍टेशन जुड़े हुए हैं। भारतीय रेलवे के पास दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जैसा पुराना ट्रैक भी है जिसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज घोषित कर दिया है।

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राही सरनोबत ने जीता स्वर्ण पदक

राही सरनोबत
6 अप्रॅल 2013, शनिवार

राही सरनोबत ने 5 अप्रैल 2013 को दक्षिण कोरिया के चांगवान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल परिसंघ विश्व कप प्रतियोगिता की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इसी के साथ नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। महाराष्ट्र की राही सरनोबत ने दक्षिण कोरिया की पिस्टल निशानेबाज़ कियोंग किम को फ़ाइनल में 8-6 से पराजित किया। वह इस विश्व कप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज़ हैं। राही इससे उन राइफल शूटरों के एलीट क्लब में शामिल हो गई हैं जिन्होंने भारत के लिए आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीते हैं। इनमें अंजलि भागवत, गगन नारंग, संजीव राजपूत, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, रंजन सोढ़ी और मानवजीत सिंह संधू शामिल हैं।

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60वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्‍कारों की घोषणा

18 मार्च, 2013, सोमवार
फ़िल्म 'पान सिंह तोमर' में इरफ़ान ख़ान

तिग्मांशु धूलिया निर्देशित फ़िल्म 'पान सिंह तोमर' को 60वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में वर्ष 2012 का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म चुना गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार इरफ़ान ख़ान (पान सिंह तोमर) और विक्रम गोखले (मराठी फ़िल्मन अनुमति) को संयुक्त रूप से देने का निर्णय लिया गया। अभिनेता इरफ़ान ने फ़िल्म पान सिंह तोमर में राष्ट्रीय स्तर के एक एथलीट का किरदार निभाया है, जो बाद में चम्बल घाटी का सबसे दुर्दांत डकैत बन गया। किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फ़िल्म के लिए हिन्दी फ़िल्म चिट्टागॉन्ग के निर्देशक बेदब्रत पेन तथा मलयालम फ़िल्म 101 चोदियन्गल के निर्देशक सिद्धार्थ सिवा को इंदिरा गांधी पुरस्कार हेतु चयनित किया गया। राष्ट्रीय एकता के लिए दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का नरगिस दत्त पुरस्कार मलयालम फ़िल्म 'थानिचल्लनजान' को देने का निर्णय लिया गया। 'विक्की डोनर' का चयन 3 राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु किया गया। वर्ष 2012 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा फ़िल्मकार बासु चटर्जी, अरूणा राजे तथा स्वपन मलिक ने 18 मार्च, 2013 को की।

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इन्हें भी देखें: समाचार 2010 एवं समाचार 2011

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. साहित्य के सुदामा नहीं रहे (हिंदी) प्रेसनोट। अभिगमन तिथि: 4 जनवरी, 2014।