रैडक्लिफ़ रेखा
रैडक्लिफ़ रेखा 17 अगस्त, 1947 को भारत विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा बन गई। सिरिल रैडक्लिफ़ की अध्यक्षता में सीमा आयोग द्वारा रेखा का निर्धारण किया गया, जो 88 करोड़ लोगों के बीच 1,75,000 वर्ग मील (4,50,000 वर्गकिमी) क्षेत्र को न्यायोचित रूप से विभाजित करने के लिए अधिकृत थे।
इतिहास
भारतीय उप-महाद्वीप का विभाजन और दो नए राज्यों/राष्ट्रों का निर्माण सन 14 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान (मुस्लिम राष्ट्र) एवं सन 15 अगस्त, 1947 को भारत (रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया) में करने की घोषणा लॉर्ड माउन्टबेटन ने की। इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किये गये बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया और बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) बना दिया गया। वहीं पंजाब का विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इस विभाजन में रेलवे, फ़ौज, ऐतिहासिक धरोहर, केंद्रीय राजस्व, सबका बराबरी से बंटवारा किया गया। भारतीय महाद्वीप के इस विभाजन में जिन मुख्य लोगों ने हिस्सा लिया वो थे मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउन्ट बेटन, सीरिल रैडक्लिफ़, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँधी एवं दोनों संगठनों (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग) के कुछ मुख्य कार्यकर्तागण। इन सब में सबसे अहम् व्यक्ति थे सीरिल रैडक्लिफ़ (Cyril Radcliffe) जिन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन रेखा की जिम्मेदारी सौंपी थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत का विभाजन (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 6 जुलाई, 2014।