आज़ादी की चाह -जवाहरलाल नेहरू

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Dr, ashok shukla (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:07, 5 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Jawahar-Lal-Nehru.jpg |चित्र का नाम=जवा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
आज़ादी की चाह -जवाहरलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू
संपादक अशोक कुमार शुक्ला
प्रकाशक भारतकोश प्रकाशन
प्रकाशन तिथि 2014
देश भारत
पृष्ठ: 80
भाषा हिन्दी
विषय प्रेरक प्रसंग

 बात उस समय की है जब जवाहरलाल नेहरू एक कार्यक्रम में एक छात्र ने उनसे ऑटोग्राफ लेने के लिए अपनी कॉपी उनकी ओर बढ़ाते हुए कहा,

'इसमें सिग्नेचर कर दीजिए। '

नेहरू जी ने उसमें अपने दस्तखत अंग्रेज़ी में कर दिए। छात्र को पता था कि नेहरूजी आमतौर पर हिन्दी में ही हस्ताक्षर करते हैं। उसने पूछ लिया,

'आप तो हिन्दी में हस्ताक्षर करते हैं। फिर मेरी कॉपी में आपने अंग्रेज़ी में किए, ऐसा क्यों?

नेहरूजी मुस्कराते हुए बोले,

'भाई, तुमने सिग्नेचर करने को बोला था, हस्ताक्षर करने को नहीं।'

आगे पढ़ने के लिए जवाहरलाल नेहरू -भारतकोश पर जाएँ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध