दाँत कुरेदने को तिनका (तक) न होना

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दाँत कुरेदने को तिनका (तक) न होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- सर्वस्व नष्ट हो जाने के कारण बिल्कुल कंगाल हो जाना।

प्रयोग- यहाँ दाँत कुरेदने को तिनका नहीं है और आप बात करते हो कार खरीदने की।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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