त्रिविक्रम व्रत

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • कार्तिक से तीन मासों या तीन वर्षों तक यह व्रत किया जाता है।
  • इस व्रत में भगवान वासुदेव की पूजा की जाती है।
  • इस व्रत को करने से कर्ता सभी पापों से मुक्त हो जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 854-855, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण); कृत्यकल्पतरु (व्रतकाण्ड, 429-430)।