अक्रे नदी
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अक्रे नदी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 68 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नरेंन्द्रनाथ लाल। |
अक्रे ब्राजील की एक नदी है जो बोलिविया तक ब्राजील को अलग करती है। 8° 45¢ द. अ. पर यह पुरुस नदी में जाकर मिल जाती है। अक्रे ब्राजील का एक प्रदेश भी है जो उत्तरी बोलिविया तथा दक्षिण पूर्वी पेरू के बीच में पड़ता है। पहले यह बोलिविया के अधीन था तथा यहाँ पर 59,139 वर्ग मील क्षेत्र में रबर के वृक्षों का बाहुल्य था। बाद में ब्राजील सरकार ने इस पर आक्रमण किया और अनेक वर्षों तक दोनों देशों में झगड़ा चलता रहा। 1899 ई. में अक्रे ने अपने को स्वतंत्र घोषित कर दिया। 1907 ई. में ब्राजील ने बोलिविया को 1,00,00,000 डालर की क्षतिपूर्ति देकर अक्रे को अपने में सम्मिलित कर लिया। अक्रे की राजधानी रिओ ब्रांको है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 68 |