अंगभंग
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अंगभंग - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अंङ्गभङ्ग)[1]
1. किसी अवयव का खंडन या नाश, अंग का खंडित होना, शरीर के किसी भाग की हानि।
2. मोहित करने की स्त्रियों की चेष्टा, स्त्रियों की कटाक्ष आदि क्रिया, अंगभंगी।
अंगभंग - विशेषण
जिसके शरीर का कोई भाग खंडित हो या टूटा हो, जिसके हाथ पैर टूटे हों, अपाहज, लंगड़ा लूला, लुंज।
क्रिया प्रयोग - करना
- उदाहरण
"अंगभंग करि पठवहु बंदर।"तुलसी साहब की शब्दावली
होना। जैसे- उसका अंग भंग हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 06 |