आदित्य व्रत
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- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत आश्विन में रविवार को प्रारम्भ होता है। इसे एक वर्ष तक करना चाहिए।
- इस व्रत में सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए।
- व्रतार्क में आया है कि साम्ब को किस प्रकार कृष्ण ने शाप दिया कि उसे कुष्ठ हो गया और इस व्रत के करने से वह किस प्रकार रोगमुक्त हो गया।
- यह व्रत मघा नक्षत्र नक्षत्र में रविवार की अष्टमी एवं चतुर्दशी के दिन करना चाहिए।
- इस व्रत में शिव की पूजा करनी चाहिए, और तिल खाना चाहिए।[1]
- यह व्रत केवल स्त्रियों के द्वारा किया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 589)।
सम्बंधित लिंक
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