बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:50, 24 फ़रवरी 2022 का अवतरण (''''बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी''' (अंग्रेज़ी: ''Balkrishna Vithaldas Doshi...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी (अंग्रेज़ी: Balkrishna Vithaldas Doshi, जन्म- 26 अगस्त, 1927) भारत के प्रसिद्ध वास्तुकार हैं। उन्हें ब्रिटेन के प्रतिष्ठित पुरस्कार 'रॉयल गोल्ड मेडल' (2022) से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार वास्तुकला की दुनिया में विशेष माना जाता है।

  • वर्ष 1927 में पुणे में फर्नीचर निर्माण से जुड़े परिवार में बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी का जन्म हुआ।
  • उन्होंने जे.जे. स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, बंबई में अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने पेरिस में वरिष्ठ डिजाइनर लुई कान के साथ चार साल और अहमदाबाद में परियोजनाओं की निगरानी के लिए भारत में चार साल काम किया।
  • आरआईबीए ने बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी को सम्मानित किए जाने का ऐलान करते हुए कहा था कि 70 साल के कॅरियर और 100 से अधिक निर्मित परियोजनाओं के साथ बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी ने अपने अभ्यास और अपने शिक्षण दोनों के माध्यम से भारत और उसकी वास्तुकला के क्षेत्र को प्रभावित किया है।
  • रॉयल गोल्ड मेडल को व्यक्तिगत रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा स्वीकृत किया जाता है। इसे ऐसे व्यक्ति या लोगों के समूह को दिया जाता है, जिनका वास्तुकला के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा हो।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वास्तुकार बालकृष्ण दोशी को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित शाही स्वर्ण पदक से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी और कहा कि "वास्तुकला की दुनिया में उनका योगदान स्मारकीय है। दोशी के कार्यों को उनकी रचनात्मकता, विशिष्टता और विविध प्रकृति के लिए विश्व स्तर पर सराहा जाता है। उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।"


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख