बंशीधर भगत
बंशीधर भगत (अंग्रेज़ी: Banshidhar Bhagat, जन्म- 1 जनवरी, 1950) उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक हैं। वह उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जिन्होंने गांव के प्रधान से राजनीति शुरू कर भाजपा जैसी पार्टी की प्रधानी पाई। वह साल 2020-21 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
राजनीति
उत्तराखंड के ताकतवर नेताओं में शामिल बंशीधर भगत की पूछ उत्तर प्रदेश के जमाने से ही रही है। वह यू.पी. में कल्याण सिंह की सरकार में राज्यमंत्री रहे और उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भाजपा की हर सरकार में बड़ा मंत्रालय संभाला। उत्तराखंड के जमीनी नेताओं में शामिल बंशीधर भगत राजनीति में कदम दर कदम आगे बढ़े। सन 1975 में जनसंघ से जुड़े बंशीधर भगत की सक्रिय राजनीति की शुरुआत 1984 में हल्द्वानी से लगे पनियाली गांव के प्रधान बनने से हुई। सन 1991 में वह पहली बार नैनीताल के विधायक बने।
वर्ष 2020 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनका नेता प्रतिपक्ष पर दिया गया बयान चर्चाओं में रहा था। जिसके विरोध में कांग्रेस ने आंदोलन चलाया। इस मामले में बंशीधर भगत के खेद व्यक्त करने के बाद मामला शांत हुआ।[1]
छह चुनावों में दर्ज की जीत
बंशीधर भगत ने सात बार चुनाव लड़ा और छह बार जीत दर्ज की। वर्ष 2002 में वह हल्द्वानी विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश से चुनाव हार गए थे। हालांकि अगले ही चुनाव में उन्होंने इंदिरा जैसी कद्दावर नेता को हराकर बदला लेने के साथ ही अपने कद को भी साबित किया।
प्राप्त पद
- 1984 में हल्द्वानी से लगे पनियाली गांव के ग्राम प्रधान चुने गए।
- 1989 में भाजपा के अविभाजित नैनीताल-उधमसिंह नगर जिले के जिलाध्यक्ष रहे।
- 1996 में उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य रसद, पर्वतीय विकास, वन विभाग राज्यमंत्री बने।
- 2000 में नव सृजित उत्तरांचल राज्य में कृषि, सहकारिता, दुग्ध समेत कई विभागों के कैबिनेट मंत्री बने।
- 2020 में भाजपा ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी।
- 2021 में विधायी एवं संसदीय कार्य, शहरी विकास, आवास, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री की जिम्मेदारी मिली।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बंशीधर भगत:ग्राम प्रधान से लेकर BJP अध्यक्ष बनने तक का सफर (हिंदी) livehindustan.com। अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2021।
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