शमी पूजन

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  • शमी वृक्ष का पूजन रावण दहन के बाद करके इसकी पत्तियों को स्वर्ण पत्तियों के रूप में एक-दूसरे को ससम्मान प्रदान किया जाता है। इस परंपरा में विजय की कामना के साथ समृद्धि की कामना की इच्छा रहती है।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विजयादशमी, अध्याय 10; स्मृतिकौस्तुभ (355)।

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