स्नेह व्रत
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- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- स्नेहव्रत मास व्रत है।
- स्नेहव्रत में देवता की पूजा की जाती है।
- ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ से लेकर चार मासों में तेल के साथ स्नान का त्याग करना चाहिए
- केवल पायस एवं घी का सेवन करना चाहिए।
- अन्त में तिल के तेल से पूर्ण एक घट का दान करना चाहिए।
- ऐसी मान्यता है कि इससे लोगों का स्नेह मिलता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत 2, 818, पद्म पुराण से उद्धरण)
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