रासा भगवन्तसिंह

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  • रासा भगवन्तसिंह नामक रासो काव्य 'सदानन्द' द्वारा विरचित है।
  • इस काव्य में 'भगवन्तसिंह खीची' के 1797 वि. के एक युद्ध का वर्णन है।
  • डॉ. माताप्रसाद गुप्त के अनुसार यह रचना सं. 1797 के पश्चात की है।
  • इसमें कुल 100 छन्द है।



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