उद्धव कुण्ड गोवर्धन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:55, 8 जुलाई 2011 का अवतरण (Text replace - "जोर" to "ज़ोर")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
उद्धव कुण्ड, गोवर्धन
Uddhav Kund, Govardhan
उद्धव बिहारी जी, उद्धव कुण्ड, गोवर्धन
Uddhav Bihari Ji, Uddhav Kund, Govardhan
  • कुसुम सरोवर, गोवर्धन के ठीक पश्चिम में परिक्रमा मार्ग पर दाहिनी ओर उद्धव कुण्ड है ।
  • स्कन्द पुराण के श्रीमद्भागवत–माहात्म्य प्रसंग में इसका बड़ा ही रोचक वर्णन है ।
  • वज्रनाभ महाराज ने शाण्डिल्य आदि ऋषियों के आनुगत्य में यहाँ उद्धव कुण्ड का प्रकाश किया ।
  • उद्धव जी यहाँ पास में ही गोपियों की चरणधूलि में अभिषिक्त होने के लिए तृण–गुल्म के रूप में सर्वदा निवास करते हैं ।
  • श्री कृष्ण लीला अप्रकट होने पर कृष्ण की द्वारका वाली पटरानियाँ बड़ी दु:खी थीं । एक बार वज्रनाभ जी उनको साथ लेकर यहाँ उपस्थित हुए । बड़े ज़ोरों से संकीर्तन आरम्भ हुआ । देखते–देखते उस महासंकीर्तन में कृष्ण के सभी परिकर क्रमश: आविर्भूत होने लगे । अर्जुन मृदंग वादन करते हुए नृत्य करने लगे । इस प्रकार द्वारका के सभी परिकर उस संकीर्तन मण्डल में नृत्य और कीर्तन करने लगे । हठात महाभागवत उद्धव भी वहाँ के तृण गुल्म से आविर्भूत होकर नृत्य में विभोर हो गये । फिर भला कृष्ण ही कैसे रह सकते थे? राधिका आदि सखियों के साथ वे भी उस महासंकीर्तन रास में आविर्भूत हो गये। थोड़ी देर के बाद ही वे अन्तर्धान हो गये ।
  • उद्धव जी ने द्वारका की महिषियों को यहीं पर सांत्वना दी थी ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख