कहावत लोकोक्ति मुहावरे-आ
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1-आसमान से गिरा खजूर में अटका। |
अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना। |
2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत। नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।। |
अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा। |
3- आद्रा में जौ बोवै साठी। दु:खै मारि निकारै लाठी।। |
अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है। |
4- आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।। |
अर्थ - यदि आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो और पुनर्वसु नक्षत्र में पानी न बरसे तो ऐसी फसल होगी कि कोई दिया हुआ अन्न नहीं खाएगा। |
5- आस-पास रबी बीच में खरीफ। नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।। |
अर्थ - खरीफ की फसल के बीच में रबी की फसल अच्छी नहीं होती है। |
6- आँख के अंधे नाम नैनसुख। |
अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना। |
7- आटे के साथ घुन भी पिसता है। |
अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है। |
8- आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर। |
अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न होता है्। |
9- आम के आम गुठलियों के दाम। |
अर्थ - दोहरा लाभ होना। |
10- आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस। |
अर्थ - व्यर्थ का आडम्बर रचना। |
11- आँख ओट पहाड़ ओट। |
अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए। |
12- आँख और कान में चार अंगुल का फर्क। |
अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं। |
13- आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक। |
अर्थ - आँख के आगे परदा पड़ा है तो क्या रास्ता सूझेगा। |
14- आँख बची और माल दोस्तों का। |
अर्थ - पलक झपकने से माल गायब हो सकता है। |
15- आँख सुख कलेजे ठंडक। |
अर्थ - परम शान्ति का होना। |
16- आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक। |
अर्थ - बनावटी दु:ख प्रकट करना। |
17- आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात, आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा। |
अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही। |
18- आई मौज फकीर की, दिया झोपड़ा फूँक। |
अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है । |
19- आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ। |
अर्थ - लाइलाज बीमारी। |
20- आओ-आओ घर तुम्हारा, खाना माँगे दुश्मन हमारा। |
अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना । |
21- आग, कहते मुँह नहीं जलता। |
अर्थ - केवल नाम लेने से कोई हानि-लाभ नहीं हो जाता है। |
22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है। |
अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है। |
23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा, |
अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है। |
24- आग बिना धुआँ नहीं। |
अर्थ - हर चीज़ का कारण अवश्य ही होता है। |
25- आग लगने पर कुआं खोदना। |
अर्थ - आवश्यकता पड़ने पर काम करना, पहले से कुछ न करना। |
26- आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे। |
अर्थ - जिधर जाएँ उधर ही मुसीबत आना। |
27- आगे नाथ न पीछे पगहा। |
अर्थ - किसी का भी बंधन ना होना, पूर्णत: बंधनरहित होना। |
28- आज का बनिया कल का सेठ। |
अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है अर्थात उन्नति करता है। |
29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह, टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह। |
अर्थ - उम्मीदें कभी कभी विफल भी हो जाती हैं। |
30- आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए, बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए। |
अर्थ - ऐसी वस्तु जिसे बचाने में कठिनाई हो, जिसकी रक्षा करना मुश्किल हो जाए । |
31- आठ कनौजिया नौ चूल्हे। |
अर्थ - अलगाव की स्थिति होना। |
32- आठ वार नौ त्यौहार। |
अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना। |
33- आदमी की दवा आदमी है। |
अर्थ - मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है या मनुष्य ही मनुष्य की सहायता करते हैं। |
34- आदमी को ढाई गज़ कफन काफी है। |
अर्थ - आदमी बेकार की सुख-सुविधा जुटाने में लगा रहता है, जीवन के लिए ज़रूरी ज़रूरतें तो कम ही होती हैं। |
35- आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे। |
अर्थ - व्यक्ति व्यवहार से और सोना कसौटी पर कसने से पहचाना जाता है। |
36- आदमी पानी का बुलबुला है। |
अर्थ - मनुष्य का जीवन नाशवान है, इसीलिए यह जीवन अनमोल है। |
37- आधा तीतर आधी बटेर। |
अर्थ - बेमेल चीज़ों का सम्मिश्रण होना। |
38- आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे। |
अर्थ - अधिक लालच करने से हानि ही होती है। |
39- आप काज़ महा काज़। |
अर्थ - अपना काम स्वयं करना ही अच्छा होता है। |
40- आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख। |
अर्थ - स्वयं तो काम करते नहीं और दूसरों को सीख देते हैं। |
41- आप पड़ोसन लड़े। |
अर्थ - बिना बात ही झगड़ा करना। |
42- आप भला तो जग भला। |
अर्थ - भले आदमी को सब लोग भले ही मिलते हैं। |
43- आप मरे जग परलय। |
अर्थ - अपने मरने के बाद दुनिया में कुछ भी होता रहे। |
44- आप मरे बिन स्वर्ग न जावे। |
अर्थ - अपना काम स्वयं किए बिना ठीक नहीं होता। |
45- आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश। |
अर्थ - अपने पास कुछ भी नहीं है दूसरों की सहायता क्या करेगें। |
46- आपा तजे तो हरि को भजे। |
अर्थ - स्वार्थ को छोड़ने से ही परमार्थ प्राप्त होता है। |
47- आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी। |
अर्थ - वस्तु के पास होने पर भी सही भाषा ना जानने से समस्या आती है। |
48- आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार। |
अर्थ - बिना बात मुसीबत मोल लेना। |
49- आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम। |
अर्थ - अपने मतलब की बात करना। |
50- आए की खुशी न गए का गम। |
अर्थ - हर हालात में एक जैसा ही रहना। |
51- आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास। |
अर्थ - उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया सा काम करने लगना। |
52- आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे। |
अर्थ - जिसे आवश्यकता हो उसे न मिलकर किसी और को मिलना। |
53- आसमान का थूका मुँह पर आता है। |
अर्थ - बड़े लोगों की निंदा करने से अपनी ही बदनामी होती है। |
54- आसमान से गिरा खजूर पर अटका। |
अर्थ - कोई काम पूरा होते-होते रह गया, एक मुसीबत से निकले तो दूसरी मुसीबत में फंस जाना। |