कलौंजी

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कलौंजी रनुनकुलेसी परिवार का पौधा है। कलौंजी भारत सहित, एशियाई, अफ्रीकी और भूमध्य सागर के पूर्वी तटीय देशों में उगने वाला वार्षिक पौधा है। यह एक छोटा सा झाडी़दार पौधा होता है जिसकी लम्बाई बीस से चालीस सेंटीमीटर तक होती है। कलौंजी का फूल हल्का नीला और पीला रंग लिए होता है। इसके फल बड़े और गोल आकार के होते हैं जो अंदर से काले और भूरे रंग के बीजों से भरे होते हैं जिन्हें कलौंजी के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का स्वाद हल्का कड़वा और तीखा होता है और ये सुगंध से भरे होते हैं।

विभिन्न नाम

कलौंजी को कई नामों से जाना जाता है अंग्रेज़ी में स्माल फनेल, संस्कृत में कलवंचिका, कालाजाजी, हिन्दी में कलौंजी, मंगरैला, बंगाली में मुगरेला, गुजराती में कलौंजी, लैटिन में नाइगेला नाम है।

पोषक तत्व

कलौंजी पौषक तत्वों से भरा होता है इसमें वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, मैग्नीशियमजिंक आदि खनिज तत्व पाए जाते हैं। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बिमारी से बचाती है।

कलौंजी का उपयोगी तेल

कलौंजी का तेल शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है तथा शरीर को रोगों से बचाता है। कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करता है एवं रक्त को साफ करता है। कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं और त्वचा निखरती है। इस तेल के सेवन से पेट साफ रहता है एवं जोडों के दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द आदि में कलौंजी के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है।

भोजन में उपयोग

कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है। इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है।

औषधीय उपयोग

कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। कलौंजी का भोजन में उपयोग करने से हाजमा दुरुस्त रहता है। इसके सेवन से पेट साफ रहता है। पेट में कृमि होने पर कलौंजी का शहद के साथ नियमित रुप से सेवन करना लाभदायक होता है। हाथों और पैरों मे सूजन होने पर कलौंजी को पीसकर उसका लेप करने से हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है। मानसिक तनाव होने पर चाय के पानी में एक चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से तनाव से राहत मिलती है। कलौंजी दिमाग को तेज करती है और स्मरण शक्ति को बढ़ाती है।

सौंदर्य को बढ़ाती

कलौंजी का सेवन स्वास्थ्य के साथ-साथ सुंदरता को भी बढ़ाता है। कलौंजी का तेल लोशन, क्रीम और ब्युटी आँयल आदि बनाने में भी प्रयोग होता है। चेहरे को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कलौंजी के तेल में थोड़ा सा जैतुन का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें। इससे चेहरे के दाग़-धब्बे दूर होते हैं। बालों की समस्या जैसे बालों का झड़ना एवं रुसी में कलौंजी तेल की मालिश फायदेमंद होती है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कलौंजी (हिन्दी) निशामधुलिका। अभिगमन तिथि: 19 अगस्त, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

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