दलित जन पर करो करुणा। दीनता पर उतर आये प्रभु, तुम्हारी शक्ति वरुणा। हरे तन मन प्रीति पावन, मधुर हो मुख मनोभावन, सहज चितवन पर तरंगित हो तुम्हारी किरण तरुणा देख वैभव न हो नत सिर, समुद्धत मन सदा हो स्थिर, पार कर जीवन निरंतर रहे बहती भक्ति वरूणा