काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
भैया को दियो बाबुल महले दो-महले,
हमको दियो परदेस।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैयाँ,
जित हाँके हँक जैहें।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ,
घर-घर माँगे हैं जैहें।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
कोठे तले से पलकिया जो निकली,
बीरन में छाए पछाड़।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
हम तो हैं बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़ियाँ,
भोर भये उड़ जैहें।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
तारों भरी मैनें गुड़िया जो छोडी़,
छूटा सहेली का साथ।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
डोली का पर्दा उठा के जो देखा,
आया पिया का देस।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
अरे, लखिय बाबुल मोरे,
काहे को ब्याहे बिदेस।
अरे, लखिय बाबुल मोरे......