वैजयिकी-ज्ञान कला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:21, 13 अक्टूबर 2011 का अवतरण (Text replace - "कला" to " कला ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विजय प्राप्त करने की विद्या अर्थात् शस्त्रविद्या जानने की कला। पैर आदि अंगों के विशिष्ट संचालनपूर्वक (पैतरा बदलते हुए) शस्त्रों का लक्ष्य स्थिर करना और उनका चलाना कला है।

संबंधित लेख