मुझे बहुत अटपटी लग रही है
उसकी यह जिद्द
मैं अभी भी उलझा हूं
उन ख़बरों में
जो सलामी परेड के समानांतर
दिखाई जा रही हैं एक चैनल पर
मैं बेटी की आंखों में
तिरंगा नही
लेह के मानचित्र से
गुम हुआ एक गांव
ढूंढ रहा हूँ
उसे लगता है
कि आज़ादी के आस-पास
होती हैं खुशियां और उत्सव
मैं जानता हूँ कि
आज़ादी के आसपास
होते हैं हादस़े