भारत का संविधान- राज्यों के उच्च न्यायालय

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214. राज्यों के लिए उच्च न्यायालय-(***)[1]

प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा ।

215. उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना-

प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होगा और उसको अपने अवमान के लिए दंड देने की शक्ति सहित ऐसे न्यायालय की सभी शक्तियां होंगी।

216. उच्च न्यायालयों का गठन-

प्रत्येक उच्च न्यायालय मुख्य न्यायमूर्ति और ऐसे अन्य न्यायाधीशों से मिलकर बनेगा, जिन्हें राष्ट्रपति समय-समय पर नियुक्त करना आवश्यक समझे।

217. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें-
  • (1) भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से, उस राज्य के राज्यपाल से और मुख्य न्यायमूर्ति से भिन्न किसी न्यायाधीश की नियुक्ति की दशा में उस उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श करने के पश्चात्, राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा उच्च न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश को नियुक्त करेगा और वह न्यायाधीश अपर या कार्यकारी न्यायाधीश की दशा में अनुच्छेद 224 में उपबंधित रूप में पद धारण करेगा और किसी अन्य दशा में तब तक पद धारण करेगा, जब तक वह बासठ वर्ष[4] की आयु प्राप्त नहीं कर लेता है।[5] परंतु-
    • (क) कोई न्यायाधीश, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा।
    • (ख) किसी न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के लिए अनुच्छेद 124 के खंड (4) में उपबंधित रीति से उसके पद से राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकेगा।
    • (ग) किसी न्यायाधीश का पद, राष्ट्रपति द्वारा उसे उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने पर या राष्ट्रपति द्वारा उसे भारत के राज्यक्षेत्र में किसी अन्य उच्च न्यायालय को, अंतरित किए जाने पर रिक्त हो जाएगा।
  • (2) कोई व्यक्ति, किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए तभी अर्हित होगा, जब वह भारत का नागिरक है और-


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा कोष्ठक और अंक "(1)" का लोप किया गया।
  2. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा खंड (2) और (3) का लोप किया गया।
  3. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 11 द्वारा परंतुक का लोप किया गया।
  4. संविधान (पंद्रहवां संशोधन) अधिनियम, 1963 की धारा 4 द्वारा "साठ वर्ष" के स्थान पर प्रतिस्थापित।
  5. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 12 द्वारा "तब तक पद धारण करेगा जब तक कि वह साठ वर्ष की आयु प्राप्त न कर ले" के स्थान पर प्रतिस्थापित।

बाहरी कड़ियाँ

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