इस तीर्थ स्थान के केन्द्रीय कक्ष में पीर निज़ामुद्दीन को दफ़नाया हुआ है, इसे मुहम्मद तुग़लक़ ने (सन 1324-1351 ई0) में बनवाया था।
यह सुन्दर मक़बरा संगमरमर का बना हुआ है जिसके ऊपर सफ़ेद संगमरमर के पत्थरों का जालीदार आवरण है जिसके बाहर चारों ओर सफ़ेद संगमरमर का महराबों वाला एक बरामदा बना हुआ है।
दरगाह में घुसते ही तालाब है। इसे पीर निज़ामुद्दीन ने स्वयं बनवाया था। शाहजहाँ की पुत्री और औरंगजेब की बहन जहाँआरा बेगम की क़ब्र भी मक़बरे के पास है।