गोप
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गोप शब्द का प्रयोग प्राचीन साहित्य में पशुपालक जाति के पुरुष के अर्थ में हुआ है। इस जाति के कुलदेवता 'गोपाल कृष्ण' थे।
- भागवत की प्रेरणा लेकर पुराणों में भी कई स्थानों पर गोपों को आध्यात्मिक रूप दिया गया है। इससे पहले महाभारत में यह आध्यात्मिक रूप नहीं मिलता।
- बाद की रचनाओं- हरिवंशपुराण तथा अन्य पुराणों में गोप-गोपियों को देवता बताया गया है, जो भगवान श्रीकृष्ण के ब्रज में जन्म लेने पर पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।
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