परिश्रम के साथ धैर्य भी -महात्मा बुद्ध

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Dr, ashok shukla (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:07, 10 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय |चित्र=Budha_prerak.png |चित्र का ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
परिश्रम के साथ धैर्य भी -महात्मा बुद्ध
महात्मा बुद्ध
महात्मा बुद्ध
विवरण इस लेख में महात्मा बुद्ध से संबंधित प्रेरक प्रसंगों के लिंक दिये गये हैं।
भाषा हिंदी
देश भारत
मूल शीर्षक प्रेरक प्रसंग
उप शीर्षक महात्मा बुद्ध के प्रेरक प्रसंग
संकलनकर्ता अशोक कुमार शुक्ला

एक बार भगवानबुद्ध अपने अनुयायियों के साथ किसी गांव में उपदेश देने जा रहे थे। उस गांव सें पूर्व ही मार्ग मे उनलोगों को जगह-जगह बहुत सारे गड्ढे खुदे हुए मिले। बुद्ध के एक शिष्य ने उन गड्ढो को देखकर जिज्ञासा प्रकट की, आखिर इस तरह गढे का खुदे होने का तात्पर्य कया है?

बुद्ध बोले,पानी की तलाश में किसी वयक्ति ने इतनें गड्ढे खोदे है। यदि वह धैर्यपूर्वक एक ही स्थान पर गड्ढा खोदता तो उसे पानी अवश्य मिल जाता।

पर वह थोडी देर गड्ढा खोदता और पानी न मिलने पर दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर देता ।

व्यक्ति को परिश्रम करने के साथ धैर्य भी रखना चाहिए।

महात्मा बुद्ध से जुडे अन्य प्रसंग पढ़ने के लिए महात्मा बुद्ध के प्रेरक प्रसंग पर जाएँ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध