संकल्प शक्ति -विनोबा भावे
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संकल्प शक्ति -विनोबा भावे
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विवरण | विनोबा भावे |
भाषा | हिंदी |
देश | भारत |
मूल शीर्षक | प्रेरक प्रसंग |
उप शीर्षक | विनोबा भावे के प्रेरक प्रसंग |
संकलनकर्ता | अशोक कुमार शुक्ला |
बात विनोबा भावे के बचपन की है. गली में खेलते बच्चों में बात चली कि उन के पूर्वजों में कौनकौन विशिष्ट व महान व्यक्ति हुए हैं.
प्रत्येक बालक अपने किसी न किसी पूर्वज का नाम बताता और उन की महानता की शेखी बघारता.
बालक विनोबा चुपचाप उन की बातें सुनता रहा. जब उस का नंबर आया तो वह कुछ न बोला, लेकिन मन ही मन उस ने दृढ संकल्प कर लिया, ” अगर मेरे पूर्वजों में से कोई महान संत नहीं बना तो क्या हुआ, मैं स्वयं ऐसा बन कर दिखाऊंगा “.
अपने इस संकल्प की सिद्धि के लिए उस ने प्रखर पुरूषार्थ शुरू कर दिया और लग गया इस की सिद्धि में. यही बालक आगे चल कर महान संत विनोबा भावे के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
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