अल-बुरूज

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आरिफ़ बेग (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:47, 20 दिसम्बर 2014 का अवतरण (''''अल-बुरूज''' इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ क़ुरआन का ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

अल-बुरूज इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ क़ुरआन का 85वाँ सूरा (अध्याय) है जिसमें 22 आयतें होती हैं।
85:1- बुर्ज़ों वाले आसमानों की क़सम।
85:2- और उस दिन की जिसका वायदा किया गया है।
85:3- और गवाह की और जिसकी गवाही दे जाएगी।
85:4- उसकी (कि कुफ्फ़ार मक्का हलाक हुए) जिस तरह ख़न्दक़ वाले हलाक कर दिए गए।
85:5- जो ख़न्दक़ें आग की थीं।
85:6- जिसमें (उन्होंने मुसलमानों के लिए) ईंधन झोंक रखा था।
85:7- जब वह उन (ख़न्दक़ों) पर बैठे हुए और जो सुलूक ईमानदारों के साथ करते थे उसको सामने देख रहे थे।
85:8- और उनको मोमिनीन की यही बात बुरी मालूम हुई कि वह लोग ख़ुदा पर ईमान लाए थे जो ज़बरदस्त और सज़ावार हम्द है।
85:9- वह (ख़ुदा) जिसकी सारे आसमान ज़मीन में बादशाहत है और ख़ुदा हर चीज़ से वाक़िफ़ है।
85:10- बेशक जिन लोगों ने ईमानदार मर्दों और औरतों को तकलीफें दीं फिर तौबा न की उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब तो है ही (इसके अलावा) जलने का भी अज़ाब होगा।
85:11- बेशक जो लोग ईमान लाए और अच्छे काम करते रहे उनके लिए वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरें जारी हैं यही तो बड़ी कामयाबी है।
85:12- बेशक तुम्हारे परवरदिगार की पकड़ बहुत सख्त है।
85:13- वही पहली दफ़ा पैदा करता है और वही दोबारा (क़यामत में ज़िन्दा) करेगा।
85:14- और वही बड़ा बख्शने वाला मोहब्बत करने वाला है।
85:15- अर्श का मालिक बड़ा आलीशान है।
85:16- जो चाहता है करता है।
85:17- क्या तुम्हारे पास लशकरों की ख़बर पहुँची है।
85:18- (यानि) फिरऔन व समूद की (ज़रूर पहुँची है)।
85:19- मगर कुफ्फ़ार तो झुठलाने ही (की फ़िक्र) में हैं।
85:20- और ख़ुदा उनको पीछे से घेरे हुए है (ये झुठलाने के क़ाबिल नहीं)।
85:21- बल्कि ये तो क़ुरान मजीद है।
85:22- जो लौहे महफूज़ में लिखा हुआ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख