व्यास सम्मान
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व्यास सम्मान भारतीय साहित्य में किये गये योगदान के लिए दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है। इस पुरस्कार को 1991 में के. के. बिड़ला फाउंडेशन ने प्रारंभ किया था। पहला व्यास सम्मान वर्ष 1991 में रामविलास शर्मा की कृति 'भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी' के लिए दिया गया था। सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय', कुंवर नारायण तथा केदारनाथ सिंह को भी इस पुरस्कार से अलंकृत किया जा चुका है।
विशेषता
- व्यास सम्मान के तहत प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 2.5 लाख रूपये नकद प्रदान किये जाते हैं। सम्मान राशि फाउंडेशन द्वारा निर्धारित की जाती है।
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष पिछले 10 वर्षों के भीतर प्रकाशित हिन्दी की कोई भी साहित्यिक कृति को दिया जाता है।
- समिति की राय में यदि किसी वर्ष कोई भी कृति व्यास सम्मान के लिए अपेक्षित स्तर की न हो तो उस वर्ष पुरस्कार न देने का भी प्रावधान है।
- व्यास सम्मान के नियमों के अनुसार कृति साहित्य की किसी विधा में हो सकती है। सृजनात्मक साहित्य के अतिरिक्त अन्य विधाओं जैसे- आत्मकथा, ललित निबंध, समीक्षा व आलोचना, साहित्य और भाषा का इतिहास आदि पुस्तकों पर भी विचार किया जाता है।
- व्यास सम्मान की विशिष्टता यह है कि इसे साहित्यकार को केंद्र में न रखकर साहित्यिक कृति को दिया जाता है।
- सम्मान मरणोपरांत नहीं दिया जाता, लेकिन चयन समिति में विचार-विमर्श आरम्भ हो जाने के बाद यदि प्रस्तावित कृति के लेखक की मृत्यु होने पर कृति पर विचार किया जा सकता है।
- भविष्य में सम्मानित लेखक की किसी अन्य कृति पर विचार नहीं किया जाता है।
व्यास सम्मान से अलंकृत साहित्यकार
वर्ष | कृति | साहित्यकार |
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2014 | प्रेमचंद की कहानियों का काल-क्रमानुसार अध्ययन | कमल किशोर गोयनका |
2013 | व्योमकेश दरवेश (संस्मरण) | विश्वनाथ त्रिपाठी |
2012 | न भूतो न भविष्यति (उपन्यास) | नरेन्द्र कोहली |
2011 | आम के पत्ते (काव्य संग्रह) | रामदरश मिश्र |
2010 | फिर भी कुछ रह जायेंगे | विश्वनाथ प्रसाद तिवारी |
2009 | इन्हीं हथियारों से | अमरकांत |
2008 | एक कहानी यह भी (आत्मकथा) | मन्नू भंडारी |
2007 | इस वर्ष किसी कृति को सम्मानित नहीं किया गया। | |
2006 | कविता का अर्थात | परमानंद श्रीवास्तव |
2005 | कथा सरित्सागर (उपन्यास) | चंद्रकांता |
2004 | कठगुलाब (उपन्यास) | मृदुला गर्ग |
2003 | आवां (उपन्यास) | चित्रा मुद्गल |
2002 | पृथ्वी का कृष्णपक्ष | कैलाश वाजपेयी |
2001 | आलोचना का पक्ष | रमेश चंद्र शाह |
2000 | पहला गिरमिटिया (उपन्यास) | गिरिराज किशोर |
1999 | बिसरामपुर का संत | श्रीलाल शुक्ल |
1998 | पाँच आँगनों वाला घर | गोविन्द मिश्र |
1997 | उत्तर कबीर तथा अन्य कविताएँ | केदारनाथ सिंह |
1996 | हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास | प्रो. राम स्वरूप चतुर्वेदी |
1995 | कोई दूसरा नहीं (काव्य संग्रह) | कुँवर नारायण |
1994 | अंधायुग | धर्मवीर भारती |
1993 | मैं वक़्त के हूँ सामने (काव्य संग्रह) | गिरिजाकुमार माथुर |
1992 | नीला चाँद | डॉ. शिव प्रसाद सिंह |
1991 | भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी | रामविलास शर्मा |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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