कुआँ झाँकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- खोज या तलाश में होना, बहुत जगह खोज करना।
प्रयोग- बाल सफ़ेद होने को आए और यह नहीं मालूम कि लड़की वाले कितने कुएँ झाँकते हैं। (भूषण वनमाली)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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