गला भर्राना

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गला भर्राना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- गला भर आना, किसी कारण आवाज़ न निकलना।

प्रयोग- मालती का गाल भर्रा गया और उसने मुँह फेरकर रूमाल से आँसू पोछे। -- प्रेमचंद


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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