कलई बदलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- ऊपरी आवरण बदलना।
प्रयोग- आदमी के रंग-ढंग की कलई बदलती है, उसके सुख-दुख की भित्ति नहीं बदलती। (राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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