ज़बान न थकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- बराबर कहते ही जाना, बोलते ही जाना।
प्रयोग- रियाज़ साहब की ज़बान भी मौसी मौसी कहते थकती नहीं।(भूषण वनमाली)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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