घिग्घी बँधना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- भय से आतंकित हो जाने के कारण कंठ का अवरूद्ध हो जाना।
प्रयोग- नवल बाबू के सामने तो उनकी घिग्घी बँध जाती है।(सुरेश सिनहा)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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