कहने-सुनने के लिए एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- बात या चर्चा भर के लिए।
प्रयोग- ये सारी बातें दूसरों को कहने-सुनने के लिए होती है। (अजित पुष्कल)