ज़हर का घूँट पीना
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
ज़हर का घूँट पीना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ - कड़ी और कड़वी बातें सुनकर भी चुप रह जाना।
प्रयोग - नोखेराम कभी-कभी उससे चिलम भरने या चारपाई बिछाने को भी कहते थे। तब बेचारा ज़हर का घूँट पीकर रह जाता था।