जान की बाज़ी लगाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- जान को ख़तरे या जोखिम में डालना।
प्रयोग- जेल गए, डंडे और गोलियाँ खाईं जन-साधारण के कल्याण के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा दी।-गिरिधर गोपाल
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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