खेचरी

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खेचरी ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह गाँव मथुरा के पश्चिम में दो मील तथा 'शांतनु कुंड' से ईशान कोण में एक मील की दूरी पर स्थित है।

  • खेचरी का तात्पर्य आकाश में विचरण करने वाली राक्षसी पूतना से है। मथुरा के राजा कंस ने पूतना के प्रभाव को जानकर उसे अपनी बहन बना लिया था। उसी के अनुरोध से विविध प्रकार के रूप धारण करने वाली, बालकों के रुधिर एवं मांस को भक्षण करने वाली अपवित्र पूतना माता का सुन्दर वेश धारणकर तथा स्तनों में कालकूट विष भरकर नन्दभवन में श्रीकृष्ण को मारने हेतु आई, किन्तु अहैतु की कृपा के सागर श्रीकृष्ण ने केवल माता का वेश धारण करने के कारण ही विष के साथ-साथ उसके प्राणों को भी खींचकर उसे मातृ सुलभ गति प्रदान की। यह पूतना राक्षसी का निवास स्थल है।


इन्हें भी देखें: कुमुदवन

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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