खिसक जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- धीरे से या चुपचाप चलते बनना।
प्रयोग- रात की हाज़िरी के बाद लड़के चुपचाप थियेटर देखने खिसक जाते थे।